कई मायनों में खास है नवां महीना


हिन्दू पंचांग में मार्गशीर्ष नौवां महीना है। यह महीना कार्तिक मास के बाद तथा पौष माह के पहले आता है। मार्गशीर्ष को मगसर या अगहन मास भी कहा जाता है और यह महीना अत्यन्त पवित्र माना जाता है। जो लोग पूरे वर्ष द्वादशी व्रत का संकल्प ग्रहण करते है वे मार्गशीर्ष माह में शुक्ल पक्ष की द्वादशी से इस संकल्प की शुरूआत करते है। इस महीने अन्नपूर्णा देवी का भी व्रत अनुष्ठान किया जाता है। गीता में भी भगवान श्रीकृष्ण ने इस संबंध में कहा है मासाना मार्गशीर्षोऽयम् यानि मैं महीनों में मार्गशीर्ष का महीना हूं। मार्गशीर्ष के महीने में उत्पन्ना एकादशी, दत्तात्रेय जयंती एवं मोक्षदा एकादशी प्रमुख रूप से मनाई जाती है।

जानें अगहन मास को क्यों कहते हैं मार्गशीर्ष


अगहन मास को मार्गशीर्ष कहने के पीछे भी वजह है। भगवान श्रीकृष्ण की पूजा अनेक स्वरूपों में और अनेक नामों से की जाती है। इन्हीं स्वरूपों में से एक मार्गशीर्ष भी श्रीकृष्ण का ही एक रूप है। दूसरे, इस माह का संबंध मृगशिरा नक्षत्र से है। ज्योतिष के अनुसार नक्षत्र 27 होते हैं जिसमें से एक है मृगशिरा नक्षत्र। इस माह की पूर्णिमा मृगशिरा नक्षत्र से युक्त होती है। इसी वजह से इस मास को मार्गशीर्ष मास के नाम से जाना जाता है। सत युग में देवताओं ने मार्गशीर्ष मास की प्रथमा ​तिथि से ही वर्ष का प्रारम्भ किया था।

मार्गशीर्ष में यह हैं प्रमुख पर्व


मार्गशीर्ष शुक्ल पंचमी को राम विवाहोत्सव, बाँके बिहारी प्राकट्योत्सव और विहार पंचमी मनाई जाती है। जबकि मार्गशीर्ष शुक्ल पक्ष की एकादशी को मोक्षदा एकादशी है। यह एकादशी मोक्ष देने वाली होती है। पूर्णिमा को मार्गशीर्ष शुक्ल पूर्णिमा को अन्नपूर्णा जयन्ती एवं दत्तात्रेय जयन्ती मनाई जाती है। 

मार्गशीर्ष में नदी स्नान का महत्व


मार्गशीर्ष महीने में कार्तिक माह की तरह नदी स्नान की भी परम्परा है। कहा जाता है कि यह स्नान करने से भगवान श्रीकृष्ण का आशिर्वाद प्राप्त होता है। धर्म ग्रंथों के अनुसार, भगवान श्रीकृष्ण ने मार्गशीर्ष मास की महत्ता गोपियों को बताते हुए कहा था कि मार्गशीर्ष माह में यमुना स्नान से मैं सहज ही सभी को प्राप्त हो जाऊंगा। तभी से इस माह में नदी स्नान का खास महत्व माना गया है। मार्गशीर्ष में नदी स्नान तुलसी की जड़ की मिट्टी व तुलसी के पत्तों से करने पर अधिक पुण्य मिलता है। स्नान के समय ऊँ नमो नारायणाय या गायत्री मंत्र का जप करना चाहिए।

प्रात:काल हरि स्मरण


मार्गशीर्ष माह में प्रात:काल हरि स्मरण का विशेष महत्व रहता है। इस वजह से देश में कई जगह इस महीने प्रात:काल बेला में भजन मंडलियां भजन और कीर्तन करते हुए निकलती है। हालांकि यह परम्परा अब धीरे-धीरे लुप्त होती जा रही है।

धरती के स्वर्ग का निर्माण


धरती का स्वर्ग कश्मीर को कहा जाता है। वहां की वादियां हर मौसम में लोगों का मन मोहती है। धर्म ग्रंथों के अनुसार, कश्मीर का निर्माण ऋषि कश्यप ने किया था। खास बात यह है कि उन्होंने यह निर्माण मार्गशीर्ष मास में किया था। इसलिए कश्मीर में इस महीने का खास महत्व माना जाता है।

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