नए घर की वास्तु पूजा में ऐसे उपहार देने से हो सकती है प्रॉब्लम

नए घर की वास्तु पूजा यानि गृह प्रवेश कार्यक्रम में गिफ्ट देने की परंपरा है। ऐसे कार्यक्रम में उपहार देने में थोड़ी सावधानी बरतनी चाहिए। 




अनजाने  में कई बार हम ऐसे उपहार दें देते हैं जो गृहस्वामी के लिए शुभ नहीं होते। 

इसका असर आपके संबंधों पर भी पड़ता है। गिफ्ट ऐसा होना चाहिए जो प्राप्त करने वाले को अच्छा लगे। वह उपयोगी, कलात्मक और आकर्षक होना चाहिए। सबसे बड़ी बात वह वास्तु के अनुरूप भी होना चाहिए। ऐसे में आपके द्वारा दिए उपहार संभाल कर रखा जाएगा। साथ ही आपकी याद सदा बनी रहेगी। ये आप अपनी जेब के अनुसार खरीद सकते है।  

नए भवन की वास्तु पूजा, दुकान-आॅफिस के मुहूर्त में हाथी की स्टेच्यू ​देना सबसे ज्यादा शुभ माना जाता है। ये हाथी पीतल, चांदी, कांसे, लकड़ी, फाइबर, संगमरमर, टेराकोटा आदि का हो सकता है। सिंगल हाथी या फिर हाथी का जोड़ा, दोनों ही देना शुभ रहता है। हाथी की पेंटिंग भी दी जा सकती है। 

हाथी क्यों है श्रेष्ठ उपहार- 

हाथी को समृद्धि, सौभाग्य और ऐश्वर्य का प्रतीक माना जाता है। मान्यता है कि हाथी उपहार में देने से घर के मालिक की आमदनी बढ़ती है। रिश्तों में मिठास बनी रहती है। यह उपहार सभी तरह से फलदायी रहता है। 

हाथी की तरह अश्व यानि घोड़े की स्टेच्यू या पेंटिंग देना फेंगशुई में शुभ मानी जाती है। गृह प्रवेश के मौके पर सात सफेद अश्वों की पेंंटिंग देना बहुत शुभ रहता है। खासकर यदि घर का मालिक व्यवसायी हैं तब तो यह और भी शुभ रहता है। 

अश्व क्यों है श्रेष्ठ उपहार- 

अश्व भी समृद्धि और गति का प्रतीक है। यह निरंतरा का प्रतिनिधित्व करता है। ऐसे में मान्यता है कि इस तरह के उपहार से भवन मालिक का बिजनेस गतिमान होता है। 


गणेश तथा अन्य देवी-देवताओं की प्रतिमा या पेंटिंग ऐसे मौके पर काफी गिफ्ट की जाती है। यह एक अच्छा उपहार है। आप संगमरमर, पीतल, तांबे, चांदी, टेराकोटा आदि की प्रतिमा गिफ्ट कर सकते है। 

देवी-देवताओं प्रतिमा क्यों है श्रेष्ठ उपहार- 


गणेश जी को रिद्धी-सिद्धी के दाता है। वे सौभाग्य और संपन्नता के प्रतीक है। इसी तरह भगवान श्रीकृष्ण, बाल गोपाल, लड्डू गोपाल, लक्ष्मी जी भी गिफ्ट कर सकते है। यदि भवन स्वामी साहित्यकार है तो सरस्वती की प्रतिमा गिफ्ट की सकती है।

लाफिंग बुद्धा, पियोनिया के फूल आदि भी गिफ्ट कर सकते है। 


ऐसे गिफ्ट कभी नहीं दें

किसी भी देवी-देवता की प्रतिमा पूरी दें। गणेशजी की लटकाने वाली प्रतिमा देने से परहेज करें। 

लाल रंग की वस्तु गिफ्ट नहीं करनी चाहिए। 

गणेशजी की प्रतिमा देते समय इस बात का ख्याल रखें कि उसकी पीठ नहीं दिखाई दें। उसके दो तरफा गणेश वाली प्रतिमा शुभ होती है। 

रूमाल सेट कभी भी गिफ्ट नहीं करें। 

सोना गिफ्ट नहीं करना चाहिए। 

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