महाकाल Mahakal शिवलिंग के संबंध में सुप्रीम कोर्ट ने आज महत्वपूर्ण फैसला दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने महाकाल शिवलिंग का अभिषेक आरओ के पानी से करने के आदेश दिए हैं।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, कोर्ट ने उज्जैन में महाकाल के अभिषेक के लिए जल की मात्रा भी तय की है। बताया जा रहा है कि प्रति श्रद्धालु आधा लीटर जल अभिषेक के लिए इस्तेमाल किया जा सकेगा। दरअसल, चढ़ावे से शिवलिंग के आकार का छोटा (क्षरण) होने के चलते कोर्ट में याचिका दायर की गई थी। इसके बाद जांच के लिए एएसआई की कमेटी सर्वे के लिए गई थी।
इससे पहले एक रिपोर्ट सामने आई जिसके मुताबिक देश के 12 ज्योतिर्लिंगों Jyotirling में से एक महाकालेश्वर Mahakaleshwar के शिवलिंग को खतरा है। ये रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट को भी सौंपी गई। ऐसा बताया जा रहा था कि उज्जैन के महाकाल को गंगाजल से ही नहीं दूध, दही, शहद, चीनी इत्यादि से भी परहेज करने की जरूरत है। ये पुरातत्व विभाग की टीम ने सुप्रीम कोर्ट को सौंपी अपनी एक रिपोर्ट में कहा है।
महाकाल के लिए सुप्रीम कोर्ट ने दिए ये सुझाव
टीवी चैनल के अनुसार, सुप्रीम कोर्ट ने मंदिर प्रशासन को सुझावों पर अमल करने के लिए कहा है—
- श्रद्धालु 500 मिलीलिटर से ज्यादा जल महाकाल के नहीं चढ़ाएंगे।
- महाकाल के चढ़ाया जाने वाला जल सिर्फ RO का होगा।
- भस्म आरती के दौरान शिवलिंग को सूखे सूती कपड़े से पूरी तरह ढका जाएगा। अभी तक सिर्फ 15दिन के लिए शिवलिंग को आधा ढका जाता था।
- महाकाल के अभिषेक के लिए हर श्रद्धालु को निश्चित मात्रा में दूध या पंचामृत चढ़ाने की इजाज़त होगी।
- शिवलिंग पर चीनी पाउडर लगाने की इजाज़त नहीं होगी। बल्कि खांडसारी के इस्तेमाल को बढ़ावा दिया जाएगा।
- नमी से बचाने के लिए ड्रायर व पंखे लगाए जाएंगे और बेलपत्र व फूल-पत्ती शिवलिंग के ऊपरी भाग में चढ़ेंगे, ताकि शिवलिंग के पत्थर को प्राकृतिक सांस लेने में कोई दिक्कत न हो।
- शाम 5 बजे के बाद अभिषेक पूरा होने पर शिवलिंग की पूरी सफाई होगी और इसके बाद सिर्फ सूखी पूजा होगी।
- अभी तक सीवर के लिए चल रही तकनीक आगे भी चलती रहेगी, क्योंकि सीवर ट्रीटमेंट प्लांट बनने में एक साल लगेगा।
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