रंगों को त्योहार होली धूमधाम से मनाया जाता है। इस मौके पर होली दहन से पहले पूजन की परंपरा है। आइए, बताते है कि होली पर पूजा कैसे करें...
होली का पर्व दो दिन तक मनाया जाता है। फाल्गुन की पूर्णिमा को होली दहन होता है तथा अगले दिन होली खेली जाती है। होली दहन का मुहूर्त भद्रा देखकर तय होता है। जब भद्रा नहीं होती तभी होली पूजन एवं होली दहन होता है। भद्रा में होली पूजन एवं दहन दोनों ही अशुभ माना जाता है।
दहन से ठीक पहले होली पूजन की जाती है। घर की सभी महिलाएं पूजा सामग्री लेकर होली दहन के स्थान पर जाती है। रोली, मोली, चावल, फूल-माला, बड़कुल्ला, प्रसाद, गुलाल आदि सामग्री से होली की पूजा की जाती है। होली पर जल और सभी पूजा सामग्री चढ़ाई जाती है और उसकी परिक्रमा करते हैं।
होली की आग से घर में धूप
होली दहन के दौरान कच्चे चने की पूली को होली की आग में सेका जाता है। दरअसल, इस समय नई फसल आती है। इसलिए पहली फसल अग्नि को समर्पित की जाती है।
होली दहन के दौरान होली की आग को घर में लेकर आने की परंपरा भी कई जगह है। इस आग में धूप डालकर घर में उसकी धुआं की जाती है। मान्यता है कि होली की आग की धुआं करने से घर में बुरी शक्तियों का नाश होता है। धूप देते समय हनुमान जी या फिर अपने ईष्ट देव का ध्यान करना चाहिए।
देखा जाए तो इसके पीछे वैज्ञानिक कारण है। इस समय मच्छर आदि का प्रकोप रहना है। धुआं से ये नष्ट हो जाते है। इससे हमारा कई बीमारियों से बचाव होता हैं।
0 comments:
Post a Comment