राम मंदिर का नाम आते ही अध्योध्या का प्रसिद्ध मंदिर ध्यान आता है। वैसे देश में और भी कई राम मंदिर हैं। ये राम मंदिर उनसे जुड़ी अनूठी कथाओं या भव्य निर्माण शैली के कारण प्रसिद्ध है। राम कौन थे? रामनवमी कब मनाई जाती है? देश के प्रमुख राम मंदिर कौन से है? ये प्रमुख राम मंदिर कहां स्थित है? इन राम मंदिरों की क्या विशेषताएं है? ये जानकारियां इस पोस्ट में देने की कोशिश की है।
धर्म ग्रंथों के अनुसार रावण के अत्याचारों को समाप्त करने तथा धर्म की पुन: स्थापना के लिये भगवान विष्णु ने मृत्यु लोक में श्री राम के रूप में अवतार लिया था। श्रीराम का जन्म चैत्र शुक्ल की नवमी के दिन पुनर्वसु नक्षत्र तथा कर्क लग्न में हुआ था। इस वजह से रामनवमी का पर्व मनाया जाता है। हर साल मार्च या अप्रैल में रामनवमी धूमधाम से मनाई जाती है। राम जन्मोत्स्व रामनवमी को दोपहर में मनाया जाता है।
भगवान राम के बारे में जानने के बाद अब जानते है प्रसिद्ध राम मंदिरों के बारे मेंं...
राम मंदिर, अयोध्या
Ram Mandir , Ayodhya UP
अयोध्या उत्तर प्रदेश का एक जिला है। सरयू नदी के तट पर बसे इस शहर को कौशल देश के नाम से जाना जाता था। हिंदू धर्म की मान्यता के अनुसार, रामनवमी के दिन भगवान राम ने अध्योध्या में ही जन्म लिया था। भगवान ने जिस स्थान पर जन्म लिया था, वह भव्य मंदिर था। मध्यकाल में राम जन्मस्थान पर बने भव्य मंदिर को आक्रांता बाबर ने तोड दिया। वहां एक मस्जिद बना दी। इसको लेकर लंबे समय से विवाद चल रहा है। रामजन्म भूमि पर भव्य मंदिर बनाने के लिये 1992 में कार सेवा के नाम से आंदोलन हुआ था। 6 दिसम्बर 1992 को अध्योध्या में विवादित ढ़ांचा गिरा दिया गया। वहां श्री राम का एक अस्थायी मन्दिर निर्मित कर दिया। सुरक्षा की दृष्टि से यहां भारी सुरक्षा बल तैनात है।
रघुनाथ मंदिर ,जम्मू कश्मीर
Raghunath Temple in Jammu
रघुनाथ मंदिर जम्मू में स्थित है। भगवान श्रीराम का यह प्रसिद्ध मंदिर अपनी भव्यता के कारण देशभर में प्रसिद्ध है। रघुनाथ मंदिर की एक और खासियत है कि यहां 33 करोड़ देवी—देवताओं की प्रतिकात्मक लिंगम है। इस मंदिर को देखने हर साल लाखों संख्या में भक्त पहुंचते है। प्रसिद्ध रघुनाथ मंदिर का निर्माण 1835 में महाराजा गुलाब सिंह ने बनवाना शुरू किया था। जबकि पूर्ण निर्माण महाराजा रणजीतसिंह के काल में हुआ। मंदिर के भीतर की दीवारों पर तीन तरफ से सोने की परत चढ़ी हुई है।
रघुनाथ मंदिर पर नवंबर 2002 में आतंकी हमला भी हो चुका है। जिसके बाद मंदिर को बंद कर दिया गया था। हमले के 11 साल बाद साल 2013 में इसे दर्शनार्थियों के लिये खोल दिया गया। अब यहां सुरक्षा बंदोबस्त काफी कड़े है। कड़ी जांच पड़ताल के बाद ही मंदिर परिसर में प्रवेश की अनुमति होती है।
भद्राचलम का सीता राम मंदिर
Sri Sita Ramachandra Swami Temple of Bhadrachalam
तेलंगाना का खम्मम जिला। यहां भद्राचलम को सिटी ऑफ़ टेम्पल्स भी कहा जाता है। दरअसल, यहां बहुत से मंदिर हैं। जिनमें सर्वाधिक प्रसिद्ध मंदिर श्री सीता रामचंद्र स्वामी मंदिर है। इस शहर को दक्षिण की अयोध्या के नाम से भी जाना जाता है। भद्राचलम से 32 किलोमीटर दूर पर्णशाला है। स्थानीय मान्यताओं के अनुसार, भगवान राम ने अपने 14 वर्षों के वनवास का एक हिस्सा पर्णशाला में बिताया था। यहीं से रावण ने सीताजी का अपहरण किया था। पर्णशाला में पैरों के निशान हैं। कहा जाता है कि ये चरण चिन्ह सीता के हैं। यहां गोदावरी के किनारे श्रीसीता रामचंद्र स्वामी मंदिर है। ऐसी मान्यता है कि यहां भगवान राम रहते है। वे अपने भक्त भद्र को आशीर्वाद देने के लिए स्वर्ग से यहां आए थे और भगवान राम ने भद्र को आश्वासन दिया था कि वे इसी जगह पर अपने श्रद्धालुओं के बीच मौजूद रहेंगे। तभी से इस जगह का नाम भद्राचलम पड़ गया।
त्रिपायर श्रीरामा मंदिर, केरल
Tripraya Temple Kerala
केरल के त्रिपायर में श्रीरामा मंदिर प्रसिद्ध है। त्रिप्रायर श्रीराम मंदिर कोडुन्गल्लुर में त्रिप्रायर नदी के किनारे स्थित है। मान्यता है कि इस मंदिर में स्थापित मूर्ति स्थानीय मुखिया को समुद्र तट पर मिली थी। इस मूर्ति में ब्रह्मा, विष्णु और शिव के तत्व हैं, अत: इसकी पूजा त्रिमूर्ति के रूप में की जाती है।
हरिहरनाथ मंदिर, सोनपुर
Hariharnath Mandir Sonepur
सोनपुर में हरिहरनाथ मंदिर प्रसिद्ध है। मान्यता है कि इस प्रसिद्ध मंदिर का निर्माण भगवान राम ने त्रेतायुग में करवाया था। श्रीराम ने यह मंदिर तब बनवाया था, जब वे सीता स्वयंवर में जा रहे थे। उन्होंने ये मंदिर अपने आराध्य भगवान विष्णु के लिये बनवाया था।
रामवन मंदिर, मध्यप्रदेश
Ramvan, MP
मध्यप्रदेश के रामवन के बारे में रोचक जानकारी है। मान्यता है कि श्रीराम, अत्रि-आश्रम से मध्यप्रदेश के सतना जिले में पहुंचे, जहां उन्हें कई ऋषियों मुनियों के आश्रम में वे कई साल रुके। ऐसे में श्रीराम द्वारा सालों तक यहां वनों में घूमने के कारण सारा पर्यावरण धन्य हो गया। ग्रामीणों ने वन को मंदिर का रूप दे दिया। तब से इस परिसर को रामवन नाम से जाना जाने लगा। यहां रामगढ़ पर्वत है, जहां 30 फीट की उंचाई से झरना गिरता है। यह झरना जहां स्थान पर गिरता है उसे सीता कुंड के नाम से जानते है। यहां पर दो गुफाए भी है, जिसे ‘लक्ष्मण बोंगरा’ और ‘सीता बोंगरा’ के नाम से जाना जाता है। इन्हें देखने हर साल बड़ी संख्या में दर्शनार्थी और पर्यटक आते हैं।
चित्रकूट, राम मंदिर, उत्तर प्रदेश
Chitrakoot, Ram Mandir, UP
उत्तर प्रदेश के चित्रकूट का संबंध भगवान राम से गहरा है। इस कारण चित्रकूट को प्रमुख हिंदू धर्मस्थल के रूप में मानते है। मान्यता है कि श्रीराम अपने छोटे भाई लक्ष्मण और पत्नी सीता के साथ प्रयाग पहुंचे और वहां पहुंचकर श्रीराम ने गंगा-यमुना नदी को पार किया। वहां से चित्रकूट पहुंचे। जहां पर कई महीने अनुसूया के आश्रम में रहे। यहां ऐसे कई स्थल हैं, जो राम, लक्ष्मण और सीता के जीवन से जुड़े हुए हैं। इनमें राम घाट, जानकी कुंड, हनुमान धारा, गुप्त गोदावरी प्रमुख है।
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