कार्तिक मास: जीवन में अंधकार को दूर करता है यह महीना

Kartik month give them great pleasure and happiness in life 
हिंदू पंचांग में आठवां महीना कार्तिक मास के रूप में जाना जाता है। कार्तिक माह का विशेष धार्मिक महत्व है। मान्यता है कि इस महीने में​ किए पूजा पाठ, दीपदान, नदी स्नान, उपवास जैसे धार्मिक अनुष्ठानों खास फल मिलता है। 

कार्तिक मास शरद पूर्णिमा से शुरू होता है और इस मास में भगवान विष्णु के दामोदर स्वरूप की पूजा की जाती है। कार्तिक मास में ब्रह्म मुहूर्त में स्नान का पुण्य मिलता है। कुंवारी और विवाहिताएं यह अनुष्ठान करती हैं। इस दौरान सूर्योदय से पूर्व स्नान कर भगवान की पूजा की जाती है। एक समय भोजन किया जाता है। कार्तिक स्नान पूरे महीने किया जाता है। इस दौरान कार्तिक की कथा सुनी जाती है।

शाम को घर के आंगन या मंदिर में तुलसी के पौधे के समक्ष दीपक जलाया जाता है। मान्यता है कि भगवान विष्णु तुलसी के हृदय में शालिग्राम के रूप में निवास करते हैं। तुलसी पूजा और तुलसी दल का प्रसाद ग्रहण करने से श्रेष्ठ स्वास्थ्य प्राप्त होता है। 

कार्तिक में ब्रह्मचर्य का पालन करते हुए भूमि पर सोना चाहिए। विलासिता से दूर रहना चाहिए। मांस, मदीरा, प्याज, लहसून आदि का सेवन नहीं करना चाहिए। मन का प्रभु भक्ति में लगाना चाहिए। एक मान्यता के अनुसार इस माह दालों का सेवन नहीं करना चाहिए। हल्का भोजन करना चाहिए। 

घर की छत पर दीपक या बल्ब जलाना चाहिए। दरअसल, इसके पीछे मान्यता है कि कार्तिक अंधकार को दूर करने का महीना है। धन की देवी लक्ष्मी का महीना है। ऐसे में दीप जलाकर यह संदेश दिया जाता है कि अब जीवन में अंधकार दूर हो गया है। 

कार्तिक मास के प्रमुख त्यौहार 

करवा चौथ
अहोई अष्टमी
रामा एकादशी
धनतेरस
नरक चतुदर्शी
दिपावली, कमला जयंती
गोवर्धन
भाई दूज यम क्ष्तिीया 
कार्तिक छठ पूजा 
गोपाष्टमी
आंवला नमवी और अक्षय नवमी
देवउठनी ग्यारस 
तुलसी विवाह 

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