शनि स्तुति: नियमित पाठ करने से होती है शनि की कृपा

शनि की कृपा के बारे में हम सभी जानते है। शनि देव की कृपा हो तो रंक भी राजा बन सकता है। अगर शनि भगवान नाराज हो जाए तो राजा भी रंक बन सकता है। शनि का शुभ और अशुभ प्रभाव जीवन पर पड़ता है। शनि की प्रसन्नता के लिए कई उपाय है। इन्हीं में से एक है शनि स्तुति। 

शनि स्तुति का पाठ करने से शनि के अशुभ प्रभाव को कम किया जा सकता है। धर्मग्रंथों के अनुसार, शनिवार के दिन भगवान शनि की स्तुति करनी चाहिए। शनि को प्रसन्न करने के लिए तिल, तेल, काले मूंग, काला वस्त्र दान किया जाता है। पूजा—अर्चना के दौरान शनि स्तुति करनी चाहिए।​ विधि विधान से शनि स्तुति करने से शनि देव प्रसन्न होते है। इससे जीवन में शुभ फलों की प्राप्ति होती है। 

शनि की ढैया और शनि की साढ़े साती में भी शनि स्तुति का पाठ करने से लाभ मिलता है। 

शनि स्तुति पाठ


नमः कृष्णाय नीलाय शितिकंठनिभाय च।
नमः कालाग्रिरूपाय कृतान्ताय च वै नमः।।
नमो निर्मासदेहाय दीर्घश्मश्रुजटाय च।
नमो विशालनेत्राय शुष्कोदर भयाकृते।।
नमः पुष्कलगात्राय स्थूलरोम्णे च वै पुनः।
नमो दीर्घाय शुष्काय कालदष्ट्रं नमोस्तुते।।
नमस्ते कोटरक्षाय दुर्निरीक्ष्याय वै नमरू।
नमो घोराय रौद्राय भीषणाय करालिने।।
नमस्ते सर्वभक्षाय बलीमुख नमोस्तुते।
सूर्यपुत्र नमस्तेस्तु भास्करेअभयदाय।।
अधोदृष्टे नमस्तेस्तु संवर्तक नमोस्तुते।
नमो मंदगते तुभ्यं निस्त्रिंशाय नमोस्तुते।।
ज्ञान चक्षुर्नमस्तेस्तु कश्पात्मजसूनवे।
तुष्टो ददासि वै राज्यं रूष्टो हरिस तत्क्षणात्।।


Share on Google Plus

About Tejas India

0 comments:

Post a Comment