किचन में वास्तु दोष और उन्हें दूर करने के उपाय


रसोई किसी भी घर का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा होती है। रसोई का वास्तु खराब हो तो उसका असर घर में रहने वाले सभी सदस्यों पर पड़ता है। महिलाएं ज्यादा प्रभावित होती है क्योंकि, उनका ज्यादातर समय रसोई में बीतता है। रसोई में वास्तु दोष कैसे होता है, उसे किस प्रकार दूर किया जा सकता है। 

घर के किस कोने में रसोई शुभ होती है? 

 किचन हमेशा घर के दक्षिण-पूर्व दिशा यानि आग्नेय कोण मे होनी चाहिए। इस कोने में अग्नि तत्व की प्रधानता रहती है। घर के ईशान कोण यानि उत्तर-पूर्व और ब्रह्म स्थान में किचन कभी नहीं बनानी चाहिए। इन दोनों जगह किचन होने से स्वास्थ्य और धन की हानि होती है। दाम्पत्य जीवन में क्लेश भी बढ़ता है। घर में नकारात्मक एनर्जी बढ़ती है और कई तरह की परेशानियां होती है। 


रसोई में गैस का चूल्हा किस दिशा में होना चाहिए? खाना किस दिशा में मुंह करके बनाना चाहिए? 

जैसे घर में रसोई का स्थान आग्नेय कोण में है वैसे ही रसोईघर के आग्नेय कोण में ही चूल्हा और सिलेंडर रखना ठीक रहता है। कुछ लोग सिलेंडर पर पानी का घड़ा या बर्तन रख देते है यह ठीक नहीं है। इससे घर में क्लेश का माहौल पैदा होता है। खाना बनाते समय इस बात का ध्यान रखे कि मुंह दक्षिण दिशा की ओर नहीं हो। 


रसोईघर को लेकर और क्या बातें ध्यान में रखनी चाहिए?

रसोई घर में कभी भी जूते-चप्पल लेकर नहीं जाए। चूल्हे के पास पानी का सिंक नहीं होना चाहिए। यदि है तो बीच में लकड़ी का पार्टिशन लगा दें। रसोईघर में पर्याप्त रोशनी होनी चाहिए। रसोईघर का दरवाजा घर के अन्य दरवाजों से थोड़ा छोटा होना चाहिए। रसोईघर में दीवारों और स्लेब का कलर महिलाओं की कुंडली देखकर करना चाहिए। ज्यादा गहरा रंग नहीं होना चाहिए। किचन में कोई खिड़की है तो उसका निर्माण पूर्व दिशा में करवाना चाहिए। वेंटीलेशन का पर्याप्त ध्यान रखना चाहिए। ये कुछ ऐसे टिप्स है जिन्हें अपनाकर रसोई घर को वास्तुदोष मुक्त रख सकते है। 


यदि रसाई में वास्तु दोष हो तो उसके क्या उपाय है? 

रसोई के वास्तु दोष को पूरी तरह ​समाप्त नहीं किया जा सकता है। कुछ ऐसे उपाय है जिनसे उनमें कमी लाई जा सकती है। यदि राहु का असर है तो वहां हस्त ​निर्मित राहू यंत्र लगाया जा सकता है। ब्रह्म स्थान पर रसोई है तो मुख्य द्वार या पूजा घर में हस्त निर्मित गणेश यंत्र स्थापित करना चाहिए। हस्त निर्मित गुरु यंत्र की स्थापना से भी वास्तुदोष में कमी लाई जा सकती है। 

तेजस इंडिया लेख में प्रकाशित किसी दावे की पुष्टि नहीं करता है। यह केवल जानकारी के लिए है।  इसके आधार पर कोई निर्णय ना लें। यह जानकारी इंटरनेट पर उपलब्ध जानकारी के आधार पर केवल सूचनात्मक है। 

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