कैंची धाम: यहां आने से बदल जाती है तकदीर, जुकरबर्ग-स्टीव जॉब्स भी आ चुके हैं

नैनीताल के कैंची धाम की पहचान इंटरनेशल है। एप्पल के स्टीव जॉब्स, फेसबुक के जुकरबर्ग, एक्ट्रेस जूलिया राबर्टस जैसी नामी हस्तियां कैंची धाम और नीम करौली बाबा की भक्त है। 

कैंची धाम, नैनीताल 
नैनीताल स्थित कैंची धाम की स्थापना नीम करौली बाबा ने की थी। मान्यता है कि यहां हनुमान जी और नीम करौली बाबा के आशीर्वाद से किस्मत बन जाती है। बिगड़े काम आसानी से पूरे हो जाते हैं। नीम करौली बाबा समाधि ले चुके है, लेकिन उनका चमत्कार अभी भी यहां कायम है। इसी मान्यता के कारण देश—विदेश से बड़ी संख्या में लोग यहां आते है। कैंची धाम उत्तराखंड के नैनीताल जिले में भवाली-अल्मोड़ा, रानीखेत नेशनल हाइवे के किनारे स्थित है। 
कैंची धाम चारों ओर से ऊंचे-ऊंचे पहाड़ों से घिरा हुआ है। यहां हनुमान जी, राम—सीता और दुर्गा माता का मंदिर है। कुछ और छोटे-छोटे मंदिर भी यहां बने हुए हैं, लेकिन कैंची धाम मुख्य रूप से बाबा नीम करोली और हनुमान जी की महिमा के लिए प्रसिद्ध है। 


जानिए कौन है नीव करौरी बाबा 

स्थानीय लोगों के अनुसार सन 1964  में आगरा के पास फिरोजाबाद के गांव अकबरपुर में जन्मे लक्ष्मी नारायण शर्मा (असली नाम) यहां तपस्या करने आए थे। उन्हीं के प्रयासों से इस मंदिर का उद्धार हुआ था। बताया जाता है की फर्रूखाबाद के गांव नीव करौरी में उन्होंने कठिन तपस्य़ा की थी। इस कारण उनका नाम नीव करौरी बाबा कहलाने लगे। बाद में यह अपभ्रंश होकर नीम करौली बाबा एवं नीम करोली बाबा हो गया। मंदिर पर आज भी नीव करौरी अंकित है।
 नीम करौली बाबा

मान्यता है कि नीम करौली बाबा की कृपा से सभी बिगड़े काम बन जाते हैं। वे हनुमान जी के भक्त थे। नीम करौली धाम को बनाने के संबंध में कई रोचक कथायें प्रचलित हैं। बताया जाता है कि 1962 में जब बाबा ने यहां की जमीन पर अपने कदम रखे थे तो जनमानस को अपने चमत्कारों से आश्चर्यचकित कर दिया था। 

एक कथा के अनुसार के अनुसार एक बार विशाल भंडारे के दौरान घी कम पड़ गया था। तब बाबा के आदेश पर पास की नदी का पानी कनस्तरों में भरकर लाया गया और उससे प्रसाद बनाया जाने लगा। प्रसाद में डालते ही पानी अपने आप आप घी में बदल गया। 


जुकरबर्ग की यूं बदली तकदीर


जुकरबर्ग
भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 27 सितंबर को सिलिकन वैली की यात्रा पर थे। इस दौरान वे फेसबुक मुख्यालय भी गए। तब जुकरबर्ग ने कहा ​था कि जब वे इस कन्फ्यूजन में थे कि फेसबुक को बेचा जाए या नहीं। तब एप्पल के फाउंडर स्टीव जॉब्स ने इन्हें भारत के एक मंदिर में जाने की सलाह दी थी। स्टीव की सलाह पर जुकरबर्ग भारत आए और इस दौरान वे कैंची धाम मंदिर भी गए। वे दो दिन यहां रुके। कहा जाता है कि वहीं से इन्हें कंपनी के लिए नया मिशन मिला। यहां बाबा के आशीर्वाद से उनकी तकदीर बदली। 

इससे पहले एप्पल के फाउंडर स्टीव जॉब्स इंसपिरेशन के लिए 1974 में भारत आए थे। उस दौरान वे अपने दोस्तों के साथ कुछ दिन आश्रम में रुके थे। हालांकि तब बाबा का निधन हो गया था। मंदिर अधिकारियों की मानें तो जूलिया रॉबर्ट्स, डॉक्टर रिचर्ड एल्पेर्ट जो ड्रग एलएसडी के प्रभाव पर रिसर्च करते हैं और मशहूर लेखक डेनियल भी यहां आ चुके हैं।



इसलिए कहते है कैंची धाम 


यहां हनुमान जी की पूजा होती है। इस जगह का नाम कैंची यानि सीजर पर पड़ा है। दरअसल यहां सड़क पर दो बड़े हेयरपिन बैंड मोड़ है। 
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