प्रयागराज कुंभ 2019: जानिये कुंभ में कब-कब होगा शाही स्नान


कुंभ पर्व का धार्मिक महत्व है। कुंभ का सबसे बड़ा आकर्षक शाही स्नान होता है। शाही स्नान को राजयोगी स्नान भी कहा जाता है। 

शाही स्नान को देखने के लिए दुनियाभर से लोग कुंभ मेले में पहुंचते है। इस बार भी प्रयागराज में बड़ी संख्या में शाही स्नान देखने के लिए करोड़ों लोगों के पहुंचने की उम्मीद हैं। शाही स्नान के दौरान विभिन्न अखाड़ों की ओर से शोभायात्राएं आयोजित होती है। जो अपने आप में अनूठी होती है। 

कुंभ का मेला प्रयागराज में 15 जनवरी मकर संक्रांति से शुरू होगा। शास्त्रों के अनुसार, कुंभ में हर दिन स्नान का अपना महत्व है। लेकिन कुछ कुंभ स्नान की कुछ विशेष तिथियां है जिस पर स्नान से पुण्य फल कई गुणा बढ़ जाता है। इन विशेष तिथियों को यहां शाही स्नान की परंपरा है। प्रयागराज में संगम पर 15 जनवरी से 4 मार्च 2019 तक कुंभ मेला आयोजित होगा। इस दौरान विशेष स्नान की डेट्स इस प्रकार है। 

1. मकर संक्रान्ति 15 जनवरी 2019

2. पौष पूर्णिमा  21 जनवरी, 2019

3. मौनी अमावस्या 4 फरवरी, 2019

4. बसंत पंचमी 10 फरवरी, 2019

5. माघी पूर्णिमा 19 फरवरी, 2019

6. महाशिवरात्रि 4 मार्च , 2019


मकर संक्रांति शाही स्नान


कुंभ मेला मकर संक्रांति (माघ मास का प्रथम दिन, जब सूर्य मकर राशि में प्रवेश करता है) से आरंभ होगा। यानि 14-15 जनवरी को कुंभ का पहला स्नान होगा। मकर संक्रांति पर कुंभ स्नान का विशेष महत्व माना जाता है। लोग व्रत स्नान के बाद अपनी क्षमता के अनुसार कुछ न कुछ दान अवश्य करते हैं। वैसे तो मकर संक्रांति 14 जनवरी को मनाई जाती है, लेकिन पिछले कुछ समय से ये अब 15 जनवरी को मनाई जाने लगी है। 

पौष पूर्णिमा का शाही स्नान


भारतीय पंचांग के पौष मास के शुक्ल पक्ष की 15वीं तिथि को पौष पूर्णिमा कहते हैं। पूर्णिमा को ही पूर्ण चन्द्र निकलता है। कुम्भ मेला की अनौपचारिक शुरूआत इसी दिवस से चिन्हित की जाती है। इसी दिवस से कल्पवास का आरम्भ भी इंगित होता है। प्रयाग में पौष पूर्णिमा कुंभ स्नान 21 जनवरी को होगा। 

मौनी अमावस्या का स्नान


मौनी अमावस्या पर ग्रहों की स्थिति पवित्र नदी में स्नान के लिए सर्वाधिक अनुकूल मानी जाती है। इसी दिन प्रथम तीर्थांकर ऋषभ देव ने अपनी लंबी तपस्या का मौन व्रत तोड़ा था और यहीं संगम के पवित्र जल में स्नान किया था। इस दिवस पर मेला क्षेत्र में सबसे अधिक भीड़ होती है। प्रयाग में मौनी अमावस्या का शाही स्नान 4 फरवरी को होगा। 

बसंत पंचमी का स्नान 

विद्या की देवी सरस्वती का अवरतरण बंसत पंचमी को माना जाता है। इस दिन से ऋतु परिवर्तन भी होता है। इस दिन पीले वस्त्र पहनने और पीली वस्तुएं दान का विशेष महत्व है। बसंत पंचमी का शाही स्नान 10 फरवरी होगा। 


माघी पूर्णिमा शाही स्नान

माघी पूर्णिमा पर गुरू बृहस्पति की पूजा का विशेष महत्व है। मान्यता है कि इस दिन हिन्दू देवता गंधर्व स्वर्ग से आते है। माघी पूर्णिमा को स्नान का महत्व है। इस बारे में मान्यता है कि इस दिन पवित्र घाटों पर स्नान से मनुष्य को मोक्ष की प्राप्ति होती हैं वह सशरीर स्वर्ग की यात्रा पर जाते है। इस वर्ष 19 फरवरी को माघी पूर्णिमा है। प्रयाग राज में इस दिन शाही स्नान होगा। 


महाशिवरात्रि शाही स्नान 


कुंभ में महाशिवरात्रि अन्तिम स्नान पर्व है। श्रद्धालु शिवरात्रि के व्रत ओर संगम स्नान से वंचित नहीं होना चाहता। कहते हैं कि देवलोक भी इस दिवस का इंतजार करता हैं। महाशिवरात्रि का कुंभ स्नान 4 मार्च को है। 




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