सकट चतुर्थी व्रत माघ में कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को मनाई जाती है। इसे तिल चतुर्थी या माघी चतुर्थी या तिलकूटा चतुर्थी भी कहा जाता है। इस चतुर्थी को चंद्रमा थोड़ा देर से निकलता है।
संकट चतुर्थी का व्रत महिलाएं अपने बेटे की लंबी आयु की कामना के लिए करती है। इस दिन भगवान गणेश और चंद्रमा की उपासना की जाती है। कहते हैं कि इस दिन व्रत रखने से रिद्धि-सिद्धि तो मिलती है साथ ही जीवन में आने वाले संकट भी दूर होते हैं।
इस व्रत में भगवान श्रीगणेश और माता पार्वती की पूजा की जाती है। गणेश जी की कथा सुनी जाती है और चंद्रमा को अर्ध्य दिया जाता है। इस व्रत की पूजा में तिल और गुड़ के बने हुए लड्डु, गुड़ और घी भगवान गणेश जी को अर्पित किया जाता है। इस दिन तिलकूट का भोग भगवान को लगाया जाता है।
संकट चतुर्थी पर चांद कब निकलेगा (Kab Nikalega Chand)
इस बार संकष्टी चतुर्थी (सकट चौथ) 23 जनवरी को 23.59 पर शुरू हो होगी और 24 जनवरी को 20.53 बजे तक रहेगी। सकट चौथ को चांद रात करीब 21 बजकर 38 मिनट पर उदय होगा। यानि चतुर्थी को चंद्रोदय रात नौ बजकर 38 मिनट पर होगा।
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