सूर्य पूजा का महापर्व छठ पूजा 10 नवंबर को मनाया जाएगा। छठ पूजा पर डूबते सूर्य को अर्घ्य देने की परंपरा है। सूर्य को अर्घ्य देते समय सूर्यदेव के 12 नामों का जाप करना चाहिए।
इस महापर्व के अतिरिक्त प्रतिदिन सूर्योदय के समय सूर्य को अर्घ्य देना चाहिए। इससे पुण्य की प्राप्ति होती है। धन, स्वास्थ्य लाभ होता है। एकाग्रता बढ़ती है। दिन मंगलमय रहता है। शरीर में उर्जा की प्राप्ति होती है। सूर्य को अर्घ्य देते समय सूर्यदेव के 12 नामों का जाप करना चाहिए।
जानिए सूर्य देव के 12 नाम और उनका अर्थ
रवि
मान्यता है कि ब्रह्मांड की शुरुआत रविवार से ही हुई थी और ज्योतिष में रविवार का कारक ग्रह सूर्य है।
आदित्य
सूर्य अदिति और कश्यप ऋषि की संतान माने गए हैं। सूर्य का एक नाम आदित्य उनकी माता के नाम पर पड़ा है। इस नाम का अर्थ है कि जिस पर किसी बुराई का असर न हो।
दिनकर
इस नाम का अर्थ है जो दिन करने वाला है। सूर्य उदय के साथ ही दिन की शुरुआत हो जाती है। इस वजह से सूर्य को दिनकर भी कहते हैं।
रश्मिमते
रश्मि का अर्थ है किरणें और मते का अर्थ है पुंज। अर्थ हुआ हजारों किरणों का पुंज।
प्रभाकर
सुबह को प्रभा भी कहते हैं। प्रभाकर अर्थात सुबह करने वाला।
सविता
सूर्य से प्रकाश उत्पन्न होता है और सविता का अर्थ है उत्पन्न करने वाला।
भुवनेश्वर
भुवनेश्वर यानी धरती पर राज करने वाला। सूर्य ही पूरी पृथ्वी का संचालन करते हैं। इसी वजह से इन्हें धरती का राजा माना जाता है।
सूर्य
सूर्य लगातार भ्रमण करते रहता है। सूर्य का अर्थ ही है भ्रमण करने वाला।
भानू
भानू तेज को कहते हैं। सूर्य का तेज यानी प्रकाश सभी के लिए एक समान रहता है, इस वजह से सूर्य को भानु भी कहते हैं।
दिवाकर
दिवा यानि रात और कर यानी समाप्त। अर्थात जो अंधेरे को समाप्त करके दिन करता है।
आदिदेव
ब्रह्मांड सूर्य की वजह से ही है। इस कारण सूर्य को पृथ्वी का आदिदेव कहा जाता है।
सप्तरथी
सूर्य सात घोड़ों के रथ पर सवार रहते हैं। इस वजह से इन्हें सप्त रथी कहा जाता है।
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