श्री बदरीनाथ की स्तुति



भगवान श्री बदरीनाथ जनजन की आस्था के केंद्र है। श्री बदरीनाथ जी की स्तुति यानि प्रार्थना से सभी तरह के पाप मिट जाते हैं। व्यक्ति वैकुंठ लोक को प्राप्त होता है। भगवान श्री बदरीनाथ का स्मरण प्रात: और संध्या के समय अवश्य करना चाहिए। मान्यता है कि इससे सभी तरह के कष्ट मिट जाता है। चार धामों में से एक बद्रीनाथ धाम में श्री बदरीनाथ जी विराजमान हैं। 

 श्री बदरीनाथ की स्तुति  (Badrinath ji ki stuti)

पवन मंद सुगंध शीतल, हेममन्दिर शोभितम्।

निकट गङ्गा बहत निर्मल, श्रीबद्रीनाथ विश्वम्भरम्।।

शेष सुमिरन करत निशिदिन, ध्यान धरत महेश्वरम्।

श्री वेद ब्रह्मा करत स्तुति, श्री बद्रीनाथ विश्वम्भरम्।।

इन्द्र चन्द्र कुबेर दिनकर, धूप दीप निवेदितम्।

सिद्ध मुनिजन करत जय जय, श्रीबद्रीनाथ विश्वम्भरम्।।

शक्ति गौरि गणेश शारद, नारद मुनि उच्चारणम्।

योग ध्यान अपार लीला, श्रीबद्रीनाथ विश्वम्भरम्।।

यक्ष किन्नर करत कौतुक, गान गन्धर्व प्रकाशितम्।

श्रीभूमि लक्ष्मी चंवर डोलैं, श्रीबद्रीनाथ विश्वम्भरम्।।

कैलास में एक देव निरंजन, शैल-शिखर महेश्वरम्।

राजा युधिष्ठिर करत स्तुति, श्रीबद्रीनाथ विश्वम्भरम्।।

श्रीबदरीनाथ (जी) की परम स्तुति, यह पढ़त पाप विनाशनम्।

कोटि तीर्थ सुपुण्य सुन्दर, सहज अति फलदायकम्।।

(समाप्त)


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