शनि की दशा जब किसी जातक के लिए खराब होती है तो उसे परेशानी का सामना करना पड़ता है। शनि के प्रभाव से उसका खूब खर्च होता है। वह जमापूंजी बर्बाद कर बैठता है। ऐसा तब होता है जब शनि जातक को दंड देते है।
शनिदेव को न्यायकर्ता और दंडनायक कहा गया है। वे जातक के साथ न्याय भी कहते हैं और बुरे कर्मों पर दंड भी देते हैं। कुंडली में शनि ग्रह का चक्र जब चलता है तो जातक की जिंदगी या दो आबाद हो जाती है या बर्बाद। शनि के चक्र में फंसकर जातक अपनी सभी जमापूंजी बर्बाद कर बैठता है। यानी शनिवेद राजा को रंक और रंक को राजा बना देते हैं।
शनिदेव को खुश करना है तो शनिवार को भूलकर भी नहीं खरीदें ये वस्तुएं
शनि कब करवाते हैं खूब खर्चा
आइए जानते है शनि कब करवाते है खूब खर्चा। शनि की ढैया, साढ़ेसाती, दशा, महादशी और वक्री चाल में शनिदेव जातक का खूब खर्चा करवाते हैं। यह ऐसा समय रहता है जबकि जातक के कर्म का हिसाब किताब शुरु होता है। ढैया ढाई साल की, साढ़ेसाती साढ़े सात साल की और दशा 19 साल की होती है।
इन कारणों से नाराज होते है शनि
जब व्यक्ति बुरे कर्म करता है तो शनिदेव का चक्र प्रारंभ हो जाता है। जैसे कि ब्याज का धंधा करना, पराई स्त्री पर नजर रखना, शराब पीना, गरीबों का सताना, जानवरों को मारना, सांप को मारना और देवताओं का अपमान करना।
शनि की साढ़ेसाती में करें ये छोटे-छोटे उपाय, मिलेगा फायदा
शनि को प्रसन्न करने के उपाय
- शनिवार के दिन शाम को छायादान करें।
- गरीब, निर्धन, सफाईकर्मी, विधवा, अंधे और वृद्धों का सम्मान करें और उन्हें भोजन कराएं।
- उड़द की खिचड़ी का वितरण करें।
- गुरुवार और शनिवार के दिन विष्णु सहस्रनाम का पाठ करें।
- प्रतिदिन हनुमान चालीसा का पाठ करें।
- शनिवार की शाम पीपल के पेड़ के नीचे तेल का दीया जलाएं।
- काले वस्त्र, तिल, तेल, उड़द की दाल आदि का दान करें।
- बुरे कर्मों से दूर रहे।
- शनि देव के साथ हनुमान जी और सूर्य की उपासना करें।
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