सबरीमाला मंदिर का हिंदी में इतिहास



सबरीमाला मंदिर केरल की राजधानी तिरुवनंतपुरम से 175 किलोमीटर दूर पहाड़ियों पर स्थित है। यह मंदिर करीब 800 साल पुराना है। 

सबरीमाला मंदिर का निर्माण राजसेखरा ने कराया था। उन्हें पंपा नदी के किनारे अयप्पा भगवान बाल रूप में मिले थे इसके बाद वो उन्हे अपने साथ महल ले आए थे। कुछ समय बाद ही रानी ने एक पुत्र को जन्म दिया। 
अयप्पा स्वामी के बड़े होने पर राजा उन्हें राज सौंपना चाहते थे। रानी छोटे बेटे को राजा बनाना चाहती थी। एक बार रानी ने अपनी तबीयत खराब होने का बहाना बनाया और कहा कि उनकी बीमारी केवल शेरनी के दूध से ही ठीक हो सकती है। 

अयप्पा ने पिता को दर्शन दिए


इस पर अयप्पा मां के लिए जंगल में दूध लेने चले गए। इस दौरान उनका सामना एक राक्षसी से हुआ जिसे उन्होने मार गिराया। इससे खुश होकर इंद्र ने उनके साथ शेरनी को महल में भेज दिया। शेरनी को उनके साथ देखकर लोगों को बहुत आश्चर्य हुआ। इसके बाद पिता ने अयप्पा को राजा बनने को कहा तो उन्होने इससे मना कर दिया। इसके बाद वो वहां से गायब हो गए। इससे दुखी होकर उनके पिता ने खाना त्याग दिया।

भगवान अयप्पा ने पिता को दर्शन दिए और इस स्थान पर अपना मंदिर बनवाने को कहा। इसके बाद इस जगह पर मंदिर का निर्माण कराया गया था। हालांकि ऐसा माना जाता है कि अभी जो मंदिर वहां स्थापित है उसका निर्माण करीब 800 साल पहले हुआ था। 
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