शरद पूर्णिमा की चांदनी में रखी खीर बन जाती है दवा


शरद पूर्णिमा को खीर बनाई जाती है और इसे चांदनी रात में रखा जाता है। कहा जाता है कि इससे खीर में औषधीय गुण आ जाते हैं। 

शरद पूर्णिमा अश्विन मास की पूर्णिमा को मनाई जाती है। आयुर्वेद और ध​र्म ग्रंथों में शरद पूर्णिमा के महत्व का उल्लेख मिलता है। धार्मिक परम्परा के अनुसार, शरद पूर्णिमा को खीर बनाकर उसे  चांदनी रात में रखना चाहिए और भगवान के भोग लगाने के बाद इसे ग्रहण करना चाहिए। आयुर्वेद के अनुसार, इससे खीर में औषधीय गुण आ जाते है। चांदनी रात में रखी इस खीर से दमा, श्वास, अस्थमा आदि रोगों में लाभ मिलता है। वैद्य की सलाह पर इस खीर में कुछ औषधियां भी मिलाई जाती है। जिससे यह खीर और ज्यादा असरदार हो जाती है।    

अश्विन मास की इस पूर्णिमा को चन्द्रमा सोलह कलाओं से परिपूर्ण होता है। इसका असर पृथ्वी पर मौजूद तमाम जीव-जंतु और पेड़-पौधों पर पड़ता है। दरअसल, दुग्ध में लैक्टिक अम्ल और अमृत तत्व होता है। यह तत्व चंद्रमा की किरणों से अधिक मात्रा में शक्ति का शोषण करते है। चावल में स्टार्च होने से यह प्रक्रिया और आसान हो जाती है। इसी वजह से शरद पूर्णिमा की रात खीर चांदनी में रखने का विधान किया है। 

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खीर को चांदी के पात्र में बनाना चाहिए और उसमें ही इसे रखना चाहिए। चांदी में रोग प्रतिरोधकता अधिक होती है। इससे विषाणु दूर रहते हैं। शाम को खीर तैयार कर रात आठ-नौ बजे बाद इसे चांदनी में रख देना चाहिए। अगले दिन सूर्योदय से पूर्व इसका सेवन करना चाहिए। खीर के सेवन के बाद 2-3 किमी पैदल चलना लाभदायक रहता है। 

चांदनी स्नान से कांतिवान बनता है शरीर


शरद पूर्णिमा को कम से कम आधा घंटा चांदनी स्नान करना चाहिए। मान्यता के अनुसार, शरद स्नान रात को 10 से 12 बजे के बीच उपयुक्त रहता है। 

शरद स्नान के दौरान हल्के सफेद वस्त्र धारण करने चाहिए। चांदनी में बैठकर भगवान का जागरण करना चाहिए। इससे मन को भी शांति मिलेगी। शरद पूर्णिमा को हल्दी का उपयोग नहीं करना चाहिए। प्रत्येक व्यक्ति को कम से कम 30 मिनट तक शरद पूर्णिमा का स्नान करना चाहिए। इससे शरीर कांतिवान बनता है। 

शरद पूर्णिमा से शरद ऋतु शुरू होती है और मानसून समाप्त होता है। मौसम में इस बदलाव का असर हमारे शरीर पर पड़ता है। कई तरह की शारीरिक व्याधियां होने की आशंका बढ़ जाती है।
इसलिए रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने के लिए शरद पूर्णिमा पर खीर के सेवन का प्रावधान है। 

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