Lok Sabha Election 2024 : 3 महीने में 3 लाख से ज्यादा नेताओं ने थामा 'कमल', कांग्रेस को सबसे ज्यादा झटकें

योगेश सैन 
जयपुर। भाजपा लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को चक्रव्यूह में फंसाने के लिए बूथ स्तर तक सक्रिय है और इसमें राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। आरएसएस की राष्ट्रीय स्तर से बूथ स्तर तक चल रही मजबूत लॉबिंग कांग्रेस नेताओं का 'राम मंदिर' मुद्दे पर ब्रेन बॉश कर रही है। 


इसी का नतीजा है कि राजस्थान समेत देशभर में कांग्रेस के तीन लाख से ज्यादा नेता और कार्यकर्ता भाजपा का दामन थाम चुके हैं। राजस्थान में यह संख्या नौ हजार के करीब बताई जा रही है। 'अबकी बार 400 पार' के नारे के साथ लोकसभा का चुनाव में जीतने के लिए भाजपा पूरी रणनीति के साथ चुनाव मैदान में है। पार्टी मतदाताओं को रिझाने के साथ, इस बार प्रमुख विपक्षी दल कांग्रेस को अंदरूनी तौर पर कमजोर करने की रणनीति पर काम कर रही है। पार्टी सूत्रों के मुताबिक नागपुर स्थित आरएसएस मुख्यालय से इस रणनीति की पटकथा पिछले साल लिखी गई थी और इसका लिटमस टैस्ट राजस्थान समेत पांच राज्यों में हुए विधानसभा चुनाव में किया गया। जिसमें पार्टी सफल रही। विधानसभा चुनाव की प्रक्रिया समाप्त होने के साथ ही पार्टी ने राम मंदिर को लेकर कांग्रेस के रवैये को अपनी इस रणनीति का मुख्य आधार बनाया और बूथ स्तर तक कांग्रेस की राम मंदिर विरोध छवि को प्रचारित किया। यहां तक की कांग्रेस कार्यकर्ताओं के बीच भी सनातन धर्म को लेकर उनकी पार्टी के नेतृत्व की राय का जमकर प्रचार किया। इससे कार्यकर्ता भी टूटकर भाजपा के साथ आ रहे है। 

जॉइनिंग कमेटियां बनाई 

पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव विनोद तावड़े को भाजपा जॉइनिंग कमेटी का समन्वयक नियुक्त किया गया है। समिति में रविशंकर प्रसाद, राजीव चंद्रशेखर, अनुराग ठाकुर और भूपेन्द्र यादव को ​क्षेत्रवार जिम्मेदारी सौंपी गई है। इस कमेटी अधीन राज्य स्तर पर जॉ​इनिंग कमेटियां बनाई है। जिसमें आरएसएस विचारधारा से जुड़े प्रमुख पदाधिकारी शामिल है। राजस्थान में पूर्व मंत्री अरुण चतुर्वेदी इसके संयोजक है। पार्टी ने सबसे पहले अपना निशाना विधानसभा और लोकसभा में टिकट मांग रहे उन नेताओं को बनाया जिनका टिकट काटा गया है।   

राम मंदिर का मुद्दा बना ब्रेन वॉश का जरिया

हाल में भाजपा में शामिल हुए कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता गौरव वल्लभ और दूसरे बड़े नेताओं के बयानों पर नजर डाले तो उनका पार्टी छोड़ने का बड़ा कारण राम मंदिर के मामले में कांग्रेस आलाकमान की बयानबाजी रही है। दरअसल, राम मंदिर के उद्घाटन से पहले और बाद में देश में जो माहौल बना हैं उसमें राम मंदिर या सनातन धर्म का विरोध करते हुए चुनाव जीतना बहुत मुश्किल होता नजर आ रहा है। 

साम—दाम, दंड—भेद की रणनीति 

भाजपा राम मंदिर मुद्दे पर कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों के रवैये को प्रचारित करने के साथ—साथ साम-दाम, दंड-भेद की रणनीति पर भी काम कर रही है। कांग्रेस के नेता भाजपा और मोदी सरकार पर ईडी, इनकम टैक्स, सीबीआई जैसी सरकारी जांच एजेंसियों के दुरुपयोग का आरोप लगा रहे है। जिनका जबाव प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस तरह दे रहे हैं— 'मैं कहता हूं भ्रष्टाचार हटाओ,वो कहते हैं भ्रष्टाचारी बचाओ।'

दल—बदल का टूटा रिकॉर्ड 

दल—बदल का सिलसिला राजस्थान समेत पूरे देश में चल रहा है। दल—बदल का सबसे ज्यादा फायदा भाजपा को हो रहा है। इस मामले में अब तक के सभी रिकॉर्ड टूटने के दावे भाजपा की ओर से किए जा रहे हैं। बात राजस्थान की करें तो यहां 8500 से ज्यादा दिग्गज नेताओं ने कांग्रेस और अन्य दलों को साथ छोड़कर भाजपा का दामन थामा है। वहीं, मध्यप्रदेश में तो सारे रिकॉर्ड टूट गए। पिछले 3 महीने में 2 लाख 58 हजार 525 लोगों ने भाजपा का दामन थामा है। वहां न्यू जॉइनिंग टोली के संयोजक नरोत्तम मिश्रा का कहना है कि इतनी बड़ी संख्या में भाजपा में शामिल होने वालों में 90 फीसदी कांग्रेसी हैं। इसी तरह हिमाचल प्रदेश, पंजाब, हरियाणा, बिहार, गुजरात, महाराष्ट्र में भी बड़ी संख्या में कांग्रेस और दूसरे दल छोड़कर नेता भाजपा में शामिल हुए हैं। भाजपा में हाल ही में शामिल होने वाली हस्तियों में अशोक चव्हाण, रितेश पांडे, संगीता आजाद, परनीत कौर, लालचंद कटारिया, किरण कुमार रेड्डी, सुरेश पचौरी, गौरव बल्लभ, ज्योति मिर्धा, अर्जुन मोढवाडिया, रवनीत सिंह बिट्टू, अर्जुन सिंह, वी. वरप्रसाद राव, सुशील कुमार रिंकू और शीतल अंगुराल, सावित्री जिंदल प्रमुख है। 

कांग्रेस में भी शामिल हुए कुछ नेता

कांग्रेस में भी कुछ नेता शामिल हुए हैं। इनकी संख्या भाजपा में शामिल होने वाले नेताओं की तुलना बेहद कम है। राजस्थान में अब तक 800 छोटे—बड़े नेताओं ने कांग्रेस का दामन थामा है। राजस्थान में भाजपा के प्रहलाद गुंजल, राहुल कस्वां जैसे कुछ नेताओं ने कांग्रेस का दामन थामा है।

पूर्व डीजी बीएल सोनी ने थामा भाजपा का दामन 

पूर्व डीजी बीएल सोनी ने मंगलवार को भाजपा जॉइन कर ली हैं। प्रदेश भाजपा मुख्यालय में जॉइनिंग कमेटी के चैयरमेन अरूण चतुर्वेदी और चुनाव प्रबंधन समिति के चैयरमेन नारायण पंचारिया ने सोनी को पार्टी जॉइन करवाई। पूर्व आईपीएस सोनी ने इस दौरान पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार पर निशाना साधा और कहा कि निजी और और राजनीतिक स्वार्थ के चलते युवाओं के हितों के साथ कुठाराघात किया। पूरे पांच साल सरकार में संस्थागत भ्रष्टाचार हुआ। उन्होने कहा कि कांग्रेस सरकार में जिन लोगों को भर्ती का जिम्मा दिया गया था। वे संदिग्ध आचरण के लोग थे। जिनकी वज़ह से आज पूरा राजस्थान शर्मशार हुआ हैं। गौरतलब है कि बीएल सोनी करीब पौने तीन साल एसीबी में रहे। इस दौरान एसीबी ने सबसे ज्यादा कार्रवाई करने का रिकोर्ड बनाया। लेकिन करीब 600 से ज्यादा प्रकरण ऐसे भी थे, जिसमें कार्रवाई से पहले हमने सरकार से अनुमति मांगी थी। लेकिन हमें अनुमति नहीं मिली।

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