नृसिंह चतुर्दशी : भगवान नृसिंह के प्रकट्य स्थली और प्रसिद्ध मंदिर


भगवान विष्‍णु के चौथे अवतार नृसिंह भगवान हुए हैं। जो आधे मानव एवं आधे सिंह के रूप में प्रकट होते हैं। नृसिंह अवतार में सिर एवं धड तो मानव का था लेकिन चेहरा एवं पंजे सिंह की तरह थे। 

हिरण्‍यकश्‍यप जैसे दैत्‍य का संहार करने के लिए भगवान विष्णु को आधे नर और आधे सिंह का यह अनोखा अवतार लेना पड़ा। जिस दिन भगवान विष्‍णु ने यह अवतार लिया था, उस दिन वैशाख मास के शुक्‍ल पक्ष की चतुर्दशी थी।

यहां हुआ था नृसिंह भगवान का अवतार

ऐसी मान्‍यता है कि बनमनखी के सिकलीगढ़ धरहरा में भगवान नृसिंह ने अवतार लेकर राक्षस राज हिरण्यकश्यप का वध किया था। यही वह स्‍थान है जहां पर नृसिंह भगवान ने प्रह्लाद की रक्षा के लिए हिरण्यकश्यप को अपने नाखूनों से चीर दिया था। 

हरदोई का प्रह्लाद कुंड

एक दूसरी कथा के अनुसार भगवान नृसिंह की अवतार स्‍थली यूपी का प्रख्‍यात हरदोई जिला है। पौराणिक काल में यहां हिरण्यकश्यप का राज चलता है और चूं‍कि वह भगवान को नहीं मानता था, इसलिए अपने शहर में किसी को भी भगवान राम का नाम नहीं लेने देता था। इसलिए पहले इस स्‍थान का नाम हरिद्रोही था। माना जाता है यही वह स्‍थान है जहां पर भगवान नृसिंह प्रकट हुए थे। आज य‍ह स्‍थान प्रह्लाद कुंड के नाम से प्रचलित है। 

इटावा का प्रख्‍यात नृसिंह मंदिर

इसी तरह उत्‍तर प्रदेश के इटावा जिले में भी नृसिंह भगवान का प्रसिद्ध मंदिर है। इस मंदिर को पद्मनाभ मंदिर के नाम से भी जाना जाता है। कहते हैं यहां भी भगवान विष्णु के नृसिंह अवतार का प्राकट्य हुआ था। 

दक्षिण भारत में नृसिंह भगवान के मंदिर

उत्‍तर भारत के अलावा नृसिंह भगवान के कई मंदिर दक्षिण भारत के अलग-अलग शहरों में भी हैं। तेलंगाना में यदागिरि गुट्टा नरसिम्हा मंदिर है। विशाखापट्टनम में सिंहाचलम मंदिर है। आंध्र प्रदेश में अहोबिलम नरसिम्हा स्वामी मंदिर है। कर्नाटक में मेलकोट योग नरसिम्हा मंदिर है।

प्रमुख अन्य नृसिंह मंदिर 

नृसिंह मंदिर, खरकड़ा, खेतड़ी, राजस्थान

नृसिंह मंदिर, उदामाण्डी,झुंझुनूं, राजस्थान

नृसिंह मंदिर, मानिक चौक, मथुरा 

नृसिंह देव मंदिर, मायापुर इस्कॉन, नदिया जिला, पश्चिम बंगाल 

नृसिंह मंदिर, लखटियों का चौक, बीकानेर 

नृसिंह मंदिर, ग्राम असवाल कोटुली, जिला अल्मोड़ा, तहसील- भिक्यासैन

नृसिंह मंदिर,  हाटपिप्लिया 

नृसिंह मंदिर, बनमनखी में सिकलीगढ़ धरहरा गांव, पूर्णिया, बिहार

नृसिंह मंदिर, गोविंददेवजी परिसर, जयपुर 

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